दक्षिण गुजरात के आदिवासी बहुल तापी जिले के दोसवाड़ा में बनेगा विश्व का सबसे बड़ा जिंक स्मेल्टर कॉम्प्लेक्स
- सीएम की उपस्थिति में गुजरात सरकार और हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड के बीच हुआ एमओयू
- 10 हजार करोड़ के पूंजीनिवेश के साथ संयंत्र का पहला चरण 36 महीने में होगा कार्यरत
- 5 हजार स्थानीय युवाओं को रोजगार के साथ 25 हजार से अधिक लोगों को मिलेगी आजीविका
- गुजरात की नई औद्योगिक नीति से प्रभावित होकर जनजातीय क्षेत्र में संयंत्र की स्थापना को हिन्दुस्तान जिंक ने दिखाई रुचि
- श्री विजय रूपाणी के दूरदर्शी दृष्टिकोण से एमओयू की कार्यवाही केवल दो महीने में हुई पूरी
- हिन्दुस्तान जिंक के संचालकों ने मुख्यमंत्री के प्रोत्साहक दृष्टिकोण को अन्य किसी भी राज्य के मुकाबले कहीं अधिक सकारात्मक करार दिया
- स्टेट ऑफ दी आर्ट रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर स्थापित होगा
मुख्यमंत्री श्री विजय रूपाणी की उपस्थिति में गुजरात सरकार ने बुधवार को गांधीनगर में वेदांता समूह की कंपनी हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड के साथ दक्षिण गुजरात के जनजातीय क्षेत्र तापी जिले के दोसवाड़ा में दुनिया के सबसे बड़े जिंक स्मेल्टर कॉम्प्लेक्स की स्थापना के लिए समझौता करार (एमओयू) किया।
उद्योग विभाग सह मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री एम.के. दास और हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री अरुण मिश्रा ने इस करार पर हस्ताक्षर किए।
श्री दास ने कहा कि इस प्रोजेक्ट के चलते राज्य के जनजातीय क्षेत्र की आर्थिक-सामाजिक विकास की गति को और रफ्तार मिलेगी।
वेदांता समूह की हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड इस संयंत्र के लिए दोसवाड़ा में 10 हजार करोड़ रुपए का निवेश करेगी। एशिया और मध्य पूर्व के देशों में जिंक के बड़े पैमाने पर निर्यात तथा घरेलू एवं अंतरराष्ट्रीय बाजार की बढ़ती मांग की आपूर्ति के मद्देनजर कंपनी इस संयंत्र पर विशेष ध्यान केंद्रित करेगी। वेदांता समूह का गुजरात में यह पहला बड़ा उद्यम है।
हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड के श्री अनिल अग्रवाल ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कहा कि गुजरात में इस प्रोजेक्ट के शुरू होने की पहल के मूल में मुख्यमंत्री श्री विजय रूपाणी के दूरदर्शी नेतृत्व में राज्य सरकार की सकारात्मक प्रतिक्रिया निहित है।
मुख्यमंत्री के दिशा-निर्देश में राज्य सरकार की ओर से हाल ही में जारी नई औद्योगिक नीति का लाभ उठाते हुए कंपनी द्वारा इस आदिवासी बहुल क्षेत्र में स्टेट ऑफ दी आर्ट रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर (आरएंडडी सेंटर) भी शुरू किया जाएगा। इस सेंटर के परिणामस्वरूप इस क्षेत्र के प्राकृतिक संसाधनों का तकनीक और नवाचार के जरिए संवर्धन और संरक्षण हो सकेगा।
श्री अग्रवाल ने कहा कि देश के अन्य किसी भी राज्य में उन्हें इस तरह की पारदर्शिता और गतिशीलता का अनुभव नहीं हुआ है। मुख्यमंत्री श्री विजय रूपाणी की प्रेरणा से समझौता करार की इस प्रक्रिया के केवल दो महीने के अल्प समय में ही पूरी होने पर उन्होंने खुशी जताई।
300 किलो टन प्रतिवर्ष (केटीपीए) की उत्पादन क्षमता के साथ जनजातीय क्षेत्र तापी जिले में स्थापित होने वाले हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड के इस जिंक स्मेल्टर कॉम्प्लेक्स के चलते 5 हजार से अधिक स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर तथा 25 हजार से अधिक लोगों को आजीविका सुलभ होगी।
मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में गुजरात सरकार के इस सकारात्मक दृष्टिकोण से प्रभावित श्री अग्रवाल ने आगामी समय में गुजरात में और भी कई बड़े प्रोजेक्ट और अधिक पूंजीनिवेश करने की तत्परता जताई।
उल्लेखनीय है कि वैश्विक महामारी कोरोना के बाद देश के बदले हुए हालात में गुजरात में उद्योगों और रोजगार को पुनः जीवंत करने के लिए मुख्यमंत्री श्री विजय रूपाणी ने योजनाबद्ध तरीके से कदम उठाए हैं। नतीजतन, राज्य सरकार के प्रोत्साहक सहयोग से अनेक उद्योग समूहों ने अपने संयंत्र का निर्माण कार्य पूर्ण कर रिकार्ड समय में उत्पादन प्रक्रिया भी शुरू कर दी है।
इस मौके पर कंपनी संचालकों ने कहा कि हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड के इस प्रोजेक्ट का पहला चरण एमओयू होने के 36 महीने के भीतर कार्यरत हो जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री विजय रूपाणी ने निर्धारित समय सीमा में संयंत्र को कार्यरत करने के मकसद से राज्य सरकार के संपूर्ण सहयोग की तत्परता व्यक्त की। उन्होंने उम्मीद जताई कि राज्य में निर्मित प्रभावशाली और अत्याधुनिक औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र का लाभ कंपनी को मिलेगा।
श्री रूपाणी ने खास तौर पर कहा कि गुजरात की प्रगतिशील और प्रोत्साहक औद्योगिक नीति के कारण हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड जैसी दुनिया की बड़ी कंपनियां गुजरात को पसंदीदा निवेश गंतव्य के तौर पर चुन रही हैं।
दक्षिण गुजरात के दुर्गम इलाके में स्थित तापी जिला आदिवासियों के सर्वग्राही विकास आयोजन में अहम स्थान रखता है।
इससे पूर्व जुलाई-2019 में जेके पेपर कंपनी द्वारा 1500 करोड़ रुपए की लागत से तापी जिले में स्थित अपनी पेपर मिल के विस्तार के लिए एमओयू किया गया था। कंपनी का लक्ष्य जनवरी-2021 तक इस कार्य को पूरा करना था। लेकिन, कंपनी ने तेजी दिखाते हुए इस कार्य को निर्धारित समय से छह महीने पहले ही पूरा कर लिया है। संयंत्र विस्तार के इस प्रोजेक्ट के चलते लगभग 1000 से अधिक स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे और 10 हजार किसानों को भी फायदा होगा।
अब, इन दोनों परियोजनाओं से आदिवासी बहुल जिले तापी में सामाजिक-आर्थिक विकास के नए द्वार खुलेंगे तथा स्थानीय आदिवासी युवाओं को बड़े पैमाने पुर रोजगार के अवसर सुलभ होंगे।
अल्प प्राकृतिक खनिज संपदा तथा घने जंगल सहित बड़ी संख्या में आदिवासी आबादी वाले इस क्षेत्र के सर्वांगीण विकास के लिए बड़े पैमाने पर औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने की मुख्यमंत्री की प्रतिबद्धता है।
तापी जिले में स्थापित होने वाले ऐसे बड़े उद्योगों से विशाल संख्या में रोजगार के अवसर मुहैया होने के साथ ही इस समूचे आदिवासी बहुल जिले के सामाजिक-आर्थिक उत्थान की नई दिशा मिलने से आदिवासी विकास को लेकर मुख्यमंत्री की संवेदनशीलता साकार होगी।
गौरतलब है कि हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड भारत की सबसे बड़ी और दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी जिंक लीड माइनर कंपनी है। कंपनी के पास नई टेक्नोलॉजी और इनोवेशन के जरिए दुर्लभ प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण का 50 वर्ष से भी अधिक विशाल अनुभव है।
समझौता करार पर हस्ताक्षर के दौरान मुख्य सचिव श्री अनिल मुकीम, औद्योगिक विस्तार ब्यूरो की प्रबंध निदेशक नीलम रानी तथा राज्य सरकार के अधिकारी उपस्थित थे। वेदांता लिमिटेड के संस्थापक और गैर-कार्यकारी अध्यक्ष श्री अनिल अग्रवाल और मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री सुनील दुग्गल ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शिरकत की।
(इस खबर को लाइफ केर टीम ने संपादित नहीं किया है।)
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